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शिबि, दधीचि और राजा हरिश्चन्द्र ने धर्म के लिए करोड़ों (अनेकों) कष्ट सहे थे। बुद्धिमान राजा रन्तिदेव और बलि बहुत से संकट सहकर भी धर्म को पकड़े रहे (उन्होंने धर्म का परित्याग नहीं किया)॥
शिबि, दधीचि और राजा हरिश्चन्द्र ने धर्म के लिए करोड़ों (अनेकों) कष्ट सहे थे। बुद्धिमान राजा रन्तिदेव और बलि बहुत से संकट सहकर भी धर्म को पकड़े रहे (उन्होंने धर्म का परित्याग नहीं किया)॥
महाराज शिबि की कथा
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शिबि, दधीचि और राजा हरिश्चन्द्र ने धर्म के लिए करोड़ों (अनेकों) कष्ट सहे थे। बुद्धिमान राजा रन्तिदेव और बलि बहुत से संकट सहकर भी धर्म को पकड़े रहे (उन्होंने धर्म का परित्याग नहीं किया)॥
स्कन्दपुराण में वर्णित दीपावली के शुभ दिनों में धन धान्य समृद्धि एवं गोलोक देने वाले गोत्रिरात्र व्रत करने की विधि-
स्कन्दपुराण में वर्णित दीपावली के शुभ दिनों में धन धान्य समृद्धि एवं गोलोक देने वाले गोत्रिरात्र व्रत करने की विधि-
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स्कन्दपुराण में वर्णित दीपावली के शुभ दिनों में धन धान्य समृद्धि एवं गोलोक देने वाले गोत्रिरात्र व्रत करने की विधि-
भगवान् के अनन्य भक्त गिरिराज श्री गोवर्धन जी के चार दिव्य स्वरूप व दिव्य स्वरूप दर्शन करने का मार्ग (२/२)
भगवान् के अनन्य भक्त गिरिराज श्री गोवर्धन जी के चार दिव्य स्वरूप व दिव्य स्वरूप दर्शन करने का मार्ग (२/२)
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भगवान् के अनन्य भक्त गिरिराज श्री गोवर्धन जी के चार दिव्य स्वरूप व दिव्य स्वरूप दर्शन करने का मार्ग (२/२)
सबने आँखें मूँदकर फिर जब आँखें खोली तो सब वीरों ने देखा कि सब समुद्र के तीर पर खड़े है, स्वयंप्रभा स्वयं वहाँ गई जहाँ श्री रघुनाथजी थे। उसने जाकर प्रभु के चरण कमलो मे मस्तक नवाया और बहुत प्रकार से विनती की। प्रभु ने उसे अपनी अनपायिनी (अचल) भक्ति दी॥
सबने आँखें मूँदकर फिर जब आँखें खोली तो सब वीरों ने देखा कि सब समुद्र के तीर पर खड़े है, स्वयंप्रभा स्वयं वहाँ गई जहाँ श्री रघुनाथजी थे। उसने जाकर प्रभु के चरण कमलो मे मस्तक नवाया और बहुत प्रकार से विनती की। प्रभु ने उसे अपनी अनपायिनी (अचल) भक्ति दी॥
योगिनी स्वयंप्रभा की कथा
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सबने आँखें मूँदकर फिर जब आँखें खोली तो सब वीरों ने देखा कि सब समुद्र के तीर पर खड़े है, स्वयंप्रभा स्वयं वहाँ गई जहाँ श्री रघुनाथजी थे। उसने जाकर प्रभु के चरण कमलो मे मस्तक नवाया और बहुत प्रकार से विनती की। प्रभु ने उसे अपनी अनपायिनी (अचल) भक्ति दी॥
History textbooks are filled with the Navratna of Akbar, but there is little discussion of Maharaja Vikramaditya and his Navratnas. The truth is that these 9 were the real and First Navratnas & only to Imitate Maharaja Vikramaditya, akbar created his Navranas., A Thread..
History textbooks are filled with the Navratna of Akbar, but there is little discussion of Maharaja Vikramaditya and his Navratnas. The truth is that these 9 were the real and First Navratnas & only to Imitate Maharaja Vikramaditya, akbar created his Navranas., A Thread..
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History textbooks are filled with the Navratna of Akbar, but there is little discussion of Maharaja Vikramaditya and his Navratnas. The truth is that these 9 were the real and First Navratnas & only to Imitate Maharaja Vikramaditya, akbar created his Navranas., A Thread..
भगवान् का गोविन्द नाम कार्तिक शुक्ल अष्टमी को ही पड़ा था, गौमाता को समर्पित गोपाष्टमी महोत्सव (२/२)
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गोपाष्टमी
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भगवान् का गोविन्द नाम कार्तिक शुक्ल अष्टमी को ही पड़ा था, गौमाता को समर्पित गोपाष्टमी महोत्सव (२/२)