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प्रभु ने अच्छा किया जो मुझे शिक्षा (दंड) दी, किंतु मर्यादा (जीवों का स्वभाव) भी आपकी ही बनाई हुई है। ढोल, गँवार, शूद्र, पशु और स्त्री- ये सब शिक्षा के अधिकारी हैं॥ प्रभु के प्रताप से मैं सूख जाऊँगा और सेना पार उतर जाएगी, इसमें मेरी बड़ाई नहीं है (मेरी मर्यादा नहीं रहेगी)।
ढोल गवाँर सूद्र पसु नारी। सकल ताड़ना के अधिकारी,चौपाई का अर्थ
"हम ॐकारस्वरूप पवित्रकीर्ति भगवान् श्रीरामजी को नमस्कार करते है। आपमे सत्पुरुषो के लक्षण, शील व आचरण विद्यमान है, आप बड़े ही संयतचित्त, लोकाराधनतत्पर, साधुताकी परीक्षाके लिये कसौटी के समान और अत्यन्त ब्राह्मणभक्त हैं। ऐसे महापुरुष महाराज श्रीरामको हमारा आपको पुनः पुनः प्रणाम है।"
श्री हनुमानजी कृत श्रीराम स्तुति