याज्ञवल्क्य जी भरद्वाज जी से कहते है, श्रीराम जी की कथा चंद्रमा की किरणों के समान है, जिसे संतरूपी चकोर सदा पान करते हैं। ऐसा ही संदेह पार्वतीजी ने भी किया था, तब महादेव ने विस्तार से उसका उत्तर दिया था।
अवतार हेतु पार्वतीजी का प्रश्न और महादेव का उत्तर