शारदीय नवरात्रि का प्रारंभिक इतिहास, माताजी के पूजन की विधि (२/३)
Articles
पूर्णकाम, आनंद की राशि, अजन्मा और अविनाशी श्री रामजी मनुष्यों के चरित्र कर रहे हैं। आगे (जाने पर) उन्होंने गृध्रपति जटायु को पड़ा देखा। वह श्री रामचंद्रजी के चरणों का स्मरण कर रहा था, जिनमें (ध्वजा, कुलिश आदि की) रेखाएँ (चिह्न) हैं॥
भगवान श्रीराम के ४८ चरण चिन्ह-
भगवान् विष्णु के अत्यंत प्रेम-लपेटे अटपटे वचन सुनकर शंकरजी मन-ही-मन मुसकराने लगे और बोले, हे नारायण ! यह आप क्या कह रहे हैं? आपसे बढ़कर मुझे और कोई प्रिय हो सकता है? औरोंकी तो बात ही क्या, पार्वती भी मुझे आपके समान प्रिय नहीं है।
जय माँ भगवती वाराही-
कीरति सरित छहूँ रितु रूरी। समय सुहावनि पावनि भूरी॥
गोस्वामी तुलसीदास जी की होली
भगवान् श्री कृष्ण का अवंतिका नगरी (उज्जैन) में गुप्त रूप से विद्या अध्यन एवं राजकुमारी माता मित्रविन्दा से विवाह।
माता रुक्मिणी का संदेश (2/3)
महात्मा गरुड़ की कथा
श्री गरुड़ जी की कथा
वेदों के प्रतिपाद्य- पञ्चमहायज्ञ (Thread)
रुद्राक्ष की उत्पत्ति की कथा, धारण विधि एवं माहात्म्य-
अवधपुरी प्रभु आवत जानी। भई सकल सोभा कै खानी॥
पंचमुखी महादेव (२/२)
हनुमान् जी का पंचमुखी अवतार (२/२)
नीले मेघ के समान श्याम शरीर वाले सगुण रूप श्री रामजी! सीताजी और छोटे भाई लक्ष्मणजी सहित प्रभु (आप) निरंतर मेरे हृदय में निवास कीजिए॥
श्री सीताराम जी के ११ स्वरूपों का ध्यान
दीपावली की पूजन विधि-
रावण का पूर्णसत्य (Thread)
कार्तिकस्यासिते पक्षे त्रयोदश्यां निशामुखे ।
धनतेरस को दीपदान
विष्णु भगवान्ने उसी चक्रकी सहायतासे असुरोंका बिना परिश्रम बहुत शीघ्र ही विनाश कर डाला और तीनों लोकोंमें आनन्दकी भेरी बजने लगी। उस चक्रको विष्णु भगवान् बहुत आदरपूर्वक धारण किये रहते हैं और जब-जब शत्रुओंका संहार करना होता है, तब-तब उसे काममें लाते हैं।
बैकुंठ चतुर्दशी
शिवतत्त्व और शिवोपासना
भगवान् शिव के परमप्रिय प्रदोषकाल का महत्व, रहस्य एवं व्रत का शास्त्रोक्त विधान-
भगवान् शिव का नित्यधाम श्री महाकैलास (२/२)
श्रीरामचरितमानस में शिव तत्व- (2/2)
नारदपुराण में वर्णित विभीन्न मंत्रों द्वारा श्रीहनुमानजी की उपासना एवं उनका दर्शन प्राप्त करने की मंत्र-साधना, दीपदान की विधि (१/१)-
— Vyas (@da_vyas)
भाई दूज (यमद्वितीया)
धर्मराज नमस्तुभ्यं नमस्ते यमुनाग्रज।
भाईदूज
— Vyas (@da_vyas)
छठ पर्व का विधान
रोहिणीनन्दन अच्युताग्रज श्री बलरामजी (२/२)
भगवान् का प्रादुर्भाव महोत्सव, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (४/४)
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का विधान (३/४)
पूर्णपरात्पर भगवान् श्रीकृष्ण का आविर्भाव (२/४)
श्री कृष्णा जन्माष्टमी विशेष