परम मनोहर चरित अपारा। करत फिरत चारिउ सुकुमारा॥·x.com·Dec 24, 2024परम मनोहर चरित अपारा। करत फिरत चारिउ सुकुमारा॥
करतल बान धनुष अति सोहा। देखत रूप चराचर मोहा॥·x.com·Dec 10, 2024करतल बान धनुष अति सोहा। देखत रूप चराचर मोहा॥
मुनि धीर जोगी सिद्ध संतत बिमल मन जेहि ध्यावहीं।·x.com·Dec 8, 2024मुनि धीर जोगी सिद्ध संतत बिमल मन जेहि ध्यावहीं।
अति प्रेम अधीरा पुलक शरीरा मुख नहिं आवइ बचन कही।सम्पूर्ण सिद्धिदायक माता अहल्या कृत स्तुति·x.com·Dec 6, 2024अति प्रेम अधीरा पुलक शरीरा मुख नहिं आवइ बचन कही।
बंदउँ बालरूप सोइ रामू। सब सिधि सुलभ जपत जिसु नामू॥·x.com·Dec 6, 2024बंदउँ बालरूप सोइ रामू। सब सिधि सुलभ जपत जिसु नामू॥
मागहु भूमि धेनु धन कोसा। सर्बस देउँ आजु सहरोसा॥·x.com·Dec 6, 2024मागहु भूमि धेनु धन कोसा। सर्बस देउँ आजु सहरोसा॥
शापवश मुनिवधू-मुक्तकृत, विप्रहित, यज्ञ-रक्षण-दक्ष, पक्षकर्ता।·x.com·Dec 4, 2024शापवश मुनिवधू-मुक्तकृत, विप्रहित, यज्ञ-रक्षण-दक्ष, पक्षकर्ता।
कौसल्या जब बोलन जाई। ठुमुकु ठुमुकु प्रभु चलहिं पराई॥·x.com·Dec 3, 2024कौसल्या जब बोलन जाई। ठुमुकु ठुमुकु प्रभु चलहिं पराई॥
जाकी सहज स्वास श्रुति चारी। सो हरि पढ़ यह कौतुक भारी॥·x.com·Dec 3, 2024जाकी सहज स्वास श्रुति चारी। सो हरि पढ़ यह कौतुक भारी॥
गुरगृहँ गए पढ़न रघुराई। अलप काल बिद्या सब आई॥·x.com·Dec 3, 2024गुरगृहँ गए पढ़न रघुराई। अलप काल बिद्या सब आई॥
प्रात कहा मुनि सन रघुराई। निर्भय जग्य करहु तुम्ह जाई॥·x.com·Nov 29, 2024प्रात कहा मुनि सन रघुराई। निर्भय जग्य करहु तुम्ह जाई॥
सुंदर श्रवन सुचारु कपोला। अति प्रिय मधुर तोतरे·x.com·Nov 29, 2024सुंदर श्रवन सुचारु कपोला। अति प्रिय मधुर तोतरे
भुज बिसाल भूषन जुत भूरी। हियँ हरि नख अति सोभा रूरी॥·x.com·Nov 29, 2024भुज बिसाल भूषन जुत भूरी। हियँ हरि नख अति सोभा रूरी॥
करतल बान धनुष अति सोहा। देखत रूप चराचर मोहा॥·x.com·Nov 29, 2024करतल बान धनुष अति सोहा। देखत रूप चराचर मोहा॥
राम चलत अति भयउ बिषादू। सुनि न जाइ पुर आरत नादू॥·x.com·Nov 28, 2024राम चलत अति भयउ बिषादू। सुनि न जाइ पुर आरत नादू॥
जो गौतम मुनिकी स्त्री अहल्याको शापसे मुक्त करनेवाले, विश्वामित्रके यज्ञकी रक्षा करनेमें बड़े चतुर और अपने भक्तोंका पक्ष करनेवाले है तथा राजा जनककी सभामें शिवजी का धनुष तोड़कर महान् तेजस्वी एवं क्रोधी परशुरामजीके गर्व को हरण करनेवाले हैं ॥·x.com·Nov 28, 2024जो गौतम मुनिकी स्त्री अहल्याको शापसे मुक्त करनेवाले, विश्वामित्रके यज्ञकी रक्षा करनेमें बड़े चतुर और अपने भक्तोंका पक्ष करनेवाले है तथा राजा जनककी सभामें शिवजी का धनुष तोड़कर महान् तेजस्वी एवं क्रोधी परशुरामजीके गर्व को हरण करनेवाले हैं ॥
अंसन्ह सहित देह धरि ताता। करिहउँ चरित भगत सुखदाता॥·x.com·Nov 28, 2024अंसन्ह सहित देह धरि ताता। करिहउँ चरित भगत सुखदाता॥
बंदउँ बालरूप सोइ रामू। सब सिधि सुलभ जपत जिसु नामू॥·x.com·Nov 28, 2024बंदउँ बालरूप सोइ रामू। सब सिधि सुलभ जपत जिसु नामू॥
राम, भरत, लद्धिमन ललित, सत्रुसमन सुभ नाम।·x.com·Nov 28, 2024राम, भरत, लद्धिमन ललित, सत्रुसमन सुभ नाम।
ब्यापक ब्रह्म निरंजन निर्गुन बिगत बिनोद ।·x.com·Nov 28, 2024ब्यापक ब्रह्म निरंजन निर्गुन बिगत बिनोद ।