जय निर्गुन जय जय गुन सागर। सुख मंदिर सुंदर अति नागर॥
Baal Madhuri
सारद श्रुति सेषा रिषय असेषा जा कहुँ कोउ नहिं जाना।
माता यशोदा ने कन्हैया को सुनाई भगवान् श्री रामचन्द्र जी की कहानी-
कंसवध
नारायण
गोविन्दं गोकुलानन्दं गोपालं गोपिवल्लभम्।
गोविन्द
दामोदर
श्री बाँकेबिहारी
गोविंद
रूप सकहिं नहिं कहि श्रुति सेषा। सो जानइ सपनेहुँ जेहिं देखा॥
दामोदर.❤️
दामोदर
धन्य जसोदा भाग तिहारौ..
जिन बाँध्यो सुर असुर नाग नर प्रबल करमकी डोरी।
स्याम घन दिब्य तन पीत पट दामिनी, इंद्र-धनु मोर कौ मुकुट सोहै।
अनन्याश्चिन्तयन्तो मां ये जनाः पर्युपासते।
जाकी सहज स्वास श्रुति चारी। सो हरि पढ़ यह कौतुक भारी॥
नारायणं निराकारं नरवीरं नरोत्तमम्।
खोजत नंद चकित चहुँ दिसि तैं अचरज सौ कछु भाई। कहाँ गए मेरे इष्ट देवता को लै गयौ उठाई।
श्री नन्द बाबा के इष्टदेव शालिग्राम जी
गर्ग निरुपि कह्यौ सब लच्छन, अविगत हैं अविनासी।
जसुमति अपनौ पुन्य बिचारै। बार-बार सिसु बदन निहारै॥ अँग फरकाइ अलप मुसकाने। या छबि की उपमा को जानै॥
उठो नंदलाल!! जागो बृजराज कुंवर..!!
यानीह विश्वविलयोद्भववृत्तिहेतुः कर्माण्यनन्यविषयाणि हरिश्चकार।
कुंडल लोल कपोल विराजत सुंदरता चल आई॥
भगवान् का गोविन्द नाम कार्तिक शुक्ल अष्टमी को ही पड़ा था, गौमाता को समर्पित गोपाष्टमी महोत्सव (१/२)
वसुदेवसुतं देवं कंसचाणूरमर्दनम्। देवकीपरमानन्दं कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्॥
दामोदर लीला का रहस्य एवं श्रापित कुबेरपुत्रों (यमलार्जुन) के उद्धार की कथा (१/४)
दामोदर लीला, भाग १ (१/३)
जो सुख सूर अमर मुनि दुरलभ सो नंद भामिनि पावै॥