पर उपकार बचन मन काया। संत सहज सुभाउ खगराया॥·x.com·Dec 8, 2024पर उपकार बचन मन काया। संत सहज सुभाउ खगराया॥
सातवँ सम मोहि मय जग देखा। मोतें संत अधिक करि लेखा।।·x.com·Dec 8, 2024सातवँ सम मोहि मय जग देखा। मोतें संत अधिक करि लेखा।।
को साहिब सेवकहि नेवाजी। आपु समाज साज सब साजी॥·x.com·Dec 7, 2024को साहिब सेवकहि नेवाजी। आपु समाज साज सब साजी॥
सिबि दधीच हरिचंद नरेसा । सहे धरम हित कोटि कलेसा॥रन्तिदेव की कथा·x.com·Dec 6, 2024सिबि दधीच हरिचंद नरेसा । सहे धरम हित कोटि कलेसा॥
सोइ सर्बग्य गुनी सोइ ग्याता। सोइ महि मंडित पंडित दाता॥·x.com·Dec 6, 2024सोइ सर्बग्य गुनी सोइ ग्याता। सोइ महि मंडित पंडित दाता॥
चहुँ जुग तीनि काल तिहुँ लोका। भए नाम जपि जीव बिसोका॥·x.com·Dec 6, 2024चहुँ जुग तीनि काल तिहुँ लोका। भए नाम जपि जीव बिसोका॥
सिबि दधीच हरिचंद नरेसा। सहे धरम हित कोटि कलेसा॥महाराज शिबि की कथा·x.com·Dec 6, 2024सिबि दधीच हरिचंद नरेसा। सहे धरम हित कोटि कलेसा॥
जा पर कृपा राम की होई, ता पर कृपा करहिं सब कोई।सुकला पर कृपा·x.com·Dec 6, 2024जा पर कृपा राम की होई, ता पर कृपा करहिं सब कोई।
भगवान् के अनन्य भक्त गिरिराज श्री गोवर्धन जी के चार दिव्य स्वरूप व उन दिव्य स्वरूपों का दर्शन करने का मार्ग (१/२)·x.com·Dec 6, 2024भगवान् के अनन्य भक्त गिरिराज श्री गोवर्धन जी के चार दिव्य स्वरूप व उन दिव्य स्वरूपों का दर्शन करने का मार्ग (१/२)
लग्यौ ललकि मुख कमल विलोकन, भूलि गई सुधि ग्राह ग्रसन की। मनु रथ पै आवत दरसावत, भुज भूषित जन सिर परसन की।·x.com·Dec 5, 2024लग्यौ ललकि मुख कमल विलोकन, भूलि गई सुधि ग्राह ग्रसन की। मनु रथ पै आवत दरसावत, भुज भूषित जन सिर परसन की।
नाम प्रसाद संभु अबिनासी। साजु अमंगल मंगल रासी॥·x.com·Dec 5, 2024नाम प्रसाद संभु अबिनासी। साजु अमंगल मंगल रासी॥
हेतु रहित जग जुग उपकारी। तुम्ह तुम्हार सेवक असुरारी॥·x.com·Dec 3, 2024हेतु रहित जग जुग उपकारी। तुम्ह तुम्हार सेवक असुरारी॥
भक्तियोग बड़ी तीव्रता से पूर्व कर्मोव पापो का व्यय करवा देता है, क्योंकि सारे ग्रह नक्षत्र ध्रुव जी की ही परिक्रमा करते है और इसीलिए सुदामा को भी प्रभु को याद करने में इतना समय लगा, ज्योतिषों को भी ये बात जरूर याद रखनी चाहिए।·x.com·Dec 3, 2024भक्तियोग बड़ी तीव्रता से पूर्व कर्मोव पापो का व्यय करवा देता है, क्योंकि सारे ग्रह नक्षत्र ध्रुव जी की ही परिक्रमा करते है और इसीलिए सुदामा को भी प्रभु को याद करने में इतना समय लगा, ज्योतिषों को भी ये बात जरूर याद रखनी चाहिए।
नान्यैरधिष्ठितं भद्र यद्भ्राजिष्णु ध्रुवक्षिति।ध्रुवजी का सबसे ऊंचा लोक·x.com·Dec 3, 2024नान्यैरधिष्ठितं भद्र यद्भ्राजिष्णु ध्रुवक्षिति।
सिव सेवा कर फल सुत सोई। अबिरल भगति राम पद होई॥महाराज बलि का पूर्वजन्म·x.com·Dec 3, 2024सिव सेवा कर फल सुत सोई। अबिरल भगति राम पद होई॥
तृतीयमृषिसर्गं च देवर्षित्वमुपेत्य सः तन्त्रं सात्वतमाचष्ट नैष्कर्म्य कर्मणां यतः।·x.com·Dec 3, 2024तृतीयमृषिसर्गं च देवर्षित्वमुपेत्य सः तन्त्रं सात्वतमाचष्ट नैष्कर्म्य कर्मणां यतः।