Bhagwati

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माता पार्वती की अत्यंत कठोर तपस्या से आकाशवाणी हुई कि, हे पर्वतराज कुमारी! तेरा मनोरथ सफल हुआ। तू अब सारे असह्य कठिन तप त्याग दे। अब तुझे शिवजी मिलेंगे॥ हे भवानी! धीर, मुनि और ज्ञानी बहुत हुए हैं, पर ऐसा (कठोर) तप किसी ने नहीं किया।
माता पार्वती की अत्यंत कठोर तपस्या से आकाशवाणी हुई कि, हे पर्वतराज कुमारी! तेरा मनोरथ सफल हुआ। तू अब सारे असह्य कठिन तप त्याग दे। अब तुझे शिवजी मिलेंगे॥ हे भवानी! धीर, मुनि और ज्ञानी बहुत हुए हैं, पर ऐसा (कठोर) तप किसी ने नहीं किया।
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माता पार्वती की अत्यंत कठोर तपस्या से आकाशवाणी हुई कि, हे पर्वतराज कुमारी! तेरा मनोरथ सफल हुआ। तू अब सारे असह्य कठिन तप त्याग दे। अब तुझे शिवजी मिलेंगे॥ हे भवानी! धीर, मुनि और ज्ञानी बहुत हुए हैं, पर ऐसा (कठोर) तप किसी ने नहीं किया।
ॐ घण्टाशूलहलानि शङ्खमुसले चक्रं धनुः सायकं हस्ताब्जैर्दधतीं घनान्तविलसच्छीतांशुतुल्यप्रभाम्।
ॐ घण्टाशूलहलानि शङ्खमुसले चक्रं धनुः सायकं हस्ताब्जैर्दधतीं घनान्तविलसच्छीतांशुतुल्यप्रभाम्।
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ॐ घण्टाशूलहलानि शङ्खमुसले चक्रं धनुः सायकं हस्ताब्जैर्दधतीं घनान्तविलसच्छीतांशुतुल्यप्रभाम्।
सा राम प्रकृतिः प्रोक्ता शिवेच्छा पारमेश्वरी जगन्मायेति विख्याता स्पन्दशक्तिरकृत्रिमा ॥
सा राम प्रकृतिः प्रोक्ता शिवेच्छा पारमेश्वरी जगन्मायेति विख्याता स्पन्दशक्तिरकृत्रिमा ॥
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सा राम प्रकृतिः प्रोक्ता शिवेच्छा पारमेश्वरी जगन्मायेति विख्याता स्पन्दशक्तिरकृत्रिमा ॥