सनातन धर्म ही जगत् की स्थिति का आधार है, क्योंकि यह सर्वव्यापक है, सार्वभौमिक है, उन सब धर्मों से पुराना है जिनको मनुष्य ने बनाया है। जो क्योंकि जो धर्मं जगत् का आधार है, निश्चित ही उसका जन्म जगत् की सृष्टि के समकालीन ही है, अनादि है।
हे देवर्षि! मै न तो वैकुण्ठ मे और न ही योगीजनो के ह्रदय मे मेरा निवास होता है। मै तो उन भक्तो के पास सदैव रहता हूँ जहाँ मेरे भक्त चित्त व तन्मय होकर मुझको भजते है व मेरे मधुर नामो का संकीर्तन करते है।
His brutality could be Imagined by reading what was engraved on the Sword of the Mass murderer , Name a single country who celebrate Birth Anniversary of a Tyrant..!!