धरे नाम गुर हृदयँ बिचारी। बेद तत्त्व नृप तव सुत चारी॥·x.com·Nov 28, 2024धरे नाम गुर हृदयँ बिचारी। बेद तत्त्व नृप तव सुत चारी॥
राम चरित अति अमित मुनीसा। कहि न सकहिं सत कोटि अहीसा॥·x.com·Nov 28, 2024राम चरित अति अमित मुनीसा। कहि न सकहिं सत कोटि अहीसा॥
तात सुनहु सादर मनु लाई। कहउँ राम कै कथा सुहाई॥·x.com·Nov 28, 2024तात सुनहु सादर मनु लाई। कहउँ राम कै कथा सुहाई॥
औरउ एक कहउँ निज चोरी। सुनु गिरिजा अति दृढ़ मति तोरी ॥·x.com·Nov 28, 2024औरउ एक कहउँ निज चोरी। सुनु गिरिजा अति दृढ़ मति तोरी ॥
जासु कथा कुंभज रिषि गाई। भगति जासु मैं मुनिहि सुनाई॥·x.com·Nov 27, 2024जासु कथा कुंभज रिषि गाई। भगति जासु मैं मुनिहि सुनाई॥
जसुमति अपनौ पुन्य बिचारै। बार-बार सिसु बदन निहारै॥ अँग फरकाइ अलप मुसकाने। या छबि की उपमा को जानै॥·x.com·Nov 27, 2024जसुमति अपनौ पुन्य बिचारै। बार-बार सिसु बदन निहारै॥ अँग फरकाइ अलप मुसकाने। या छबि की उपमा को जानै॥
शापवश मुनिवधू-मुक्तकृत, विप्रहित, यज्ञ-रक्षण-दक्ष, पक्षकर्ता।·x.com·Nov 27, 2024शापवश मुनिवधू-मुक्तकृत, विप्रहित, यज्ञ-रक्षण-दक्ष, पक्षकर्ता।
जो गौतम मुनिकी स्त्री अहल्याको शापसे मुक्त करनेवाले, विश्वामित्रके यज्ञकी रक्षा करनेमें बड़े चतुर और अपने भक्तोंका पक्ष करनेवाले है तथा राजा जनककी सभामें शिवजी का धनुष तोड़कर महान् तेजस्वी एवं क्रोधी परशुरामजीके गर्व को हरण करनेवाले हैं ॥·x.com·Nov 27, 2024जो गौतम मुनिकी स्त्री अहल्याको शापसे मुक्त करनेवाले, विश्वामित्रके यज्ञकी रक्षा करनेमें बड़े चतुर और अपने भक्तोंका पक्ष करनेवाले है तथा राजा जनककी सभामें शिवजी का धनुष तोड़कर महान् तेजस्वी एवं क्रोधी परशुरामजीके गर्व को हरण करनेवाले हैं ॥
अवधपुरीं रघुकुलमनि राऊ। बेद बिदित तेहि दसरथ नाऊँ॥·x.com·Nov 27, 2024अवधपुरीं रघुकुलमनि राऊ। बेद बिदित तेहि दसरथ नाऊँ॥