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जब पाहन भे बनबाहन से, उतरे बनरा, 'जय राम' रढ़ें। तुलसी लिएँ सैल-सिला सब सोहत, सागरु ज्यों बल बारि बढ़ें॥
जब पाहन भे बनबाहन से, उतरे बनरा, 'जय राम' रढ़ें। तुलसी लिएँ सैल-सिला सब सोहत, सागरु ज्यों बल बारि बढ़ें॥
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जब पाहन भे बनबाहन से, उतरे बनरा, 'जय राम' रढ़ें। तुलसी लिएँ सैल-सिला सब सोहत, सागरु ज्यों बल बारि बढ़ें॥
जिनका चरित्र सम्पूर्ण विघ्नोंसे मुक्त, अनन्त और अपार है, जो तीनो लोकोंकी रक्षाके लिये सर्वोपरि मार्गदर्शक हैं, जिन्होंने लीलापूर्व कूर्म विग्रह धारण कर रखा है, जो कल्प के अन्त में स्नान करने के ब्याज से समुद्र के मध्य में कभी आगे बढ़ते हुए ऊपर-नीचे गोते लगा लोट-पोट हो रहे थे,
जिनका चरित्र सम्पूर्ण विघ्नोंसे मुक्त, अनन्त और अपार है, जो तीनो लोकोंकी रक्षाके लिये सर्वोपरि मार्गदर्शक हैं, जिन्होंने लीलापूर्व कूर्म विग्रह धारण कर रखा है, जो कल्प के अन्त में स्नान करने के ब्याज से समुद्र के मध्य में कभी आगे बढ़ते हुए ऊपर-नीचे गोते लगा लोट-पोट हो रहे थे,
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जिनका चरित्र सम्पूर्ण विघ्नोंसे मुक्त, अनन्त और अपार है, जो तीनो लोकोंकी रक्षाके लिये सर्वोपरि मार्गदर्शक हैं, जिन्होंने लीलापूर्व कूर्म विग्रह धारण कर रखा है, जो कल्प के अन्त में स्नान करने के ब्याज से समुद्र के मध्य में कभी आगे बढ़ते हुए ऊपर-नीचे गोते लगा लोट-पोट हो रहे थे,
यो धत्ते शेषनागं तदनु वसुमतीं स्वर्गपातालयुक्तां युक्तां सर्वैः समुद्रैर्हिमगिरिकनकप्रस्थमुख्यैर्नगेन्द्रैः।
यो धत्ते शेषनागं तदनु वसुमतीं स्वर्गपातालयुक्तां युक्तां सर्वैः समुद्रैर्हिमगिरिकनकप्रस्थमुख्यैर्नगेन्द्रैः।
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यो धत्ते शेषनागं तदनु वसुमतीं स्वर्गपातालयुक्तां युक्तां सर्वैः समुद्रैर्हिमगिरिकनकप्रस्थमुख्यैर्नगेन्द्रैः।
भक्तियोग बड़ी तीव्रता से पूर्व कर्मोव पापो का व्यय करवा देता है, क्योंकि सारे ग्रह नक्षत्र ध्रुव जी की ही परिक्रमा करते है और इसीलिए सुदामा को भी प्रभु को याद करने में इतना समय लगा, ज्योतिषों को भी ये बात जरूर याद रखनी चाहिए।
भक्तियोग बड़ी तीव्रता से पूर्व कर्मोव पापो का व्यय करवा देता है, क्योंकि सारे ग्रह नक्षत्र ध्रुव जी की ही परिक्रमा करते है और इसीलिए सुदामा को भी प्रभु को याद करने में इतना समय लगा, ज्योतिषों को भी ये बात जरूर याद रखनी चाहिए।
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भक्तियोग बड़ी तीव्रता से पूर्व कर्मोव पापो का व्यय करवा देता है, क्योंकि सारे ग्रह नक्षत्र ध्रुव जी की ही परिक्रमा करते है और इसीलिए सुदामा को भी प्रभु को याद करने में इतना समय लगा, ज्योतिषों को भी ये बात जरूर याद रखनी चाहिए।
राजा मुचकुंद भगवान श्रीरामचंद्र जी के भी पूर्वज थे (रघुकुल), जो त्रेतायुग से द्वापरयुग तक उस गुफा में सो रहे थे।
राजा मुचकुंद भगवान श्रीरामचंद्र जी के भी पूर्वज थे (रघुकुल), जो त्रेतायुग से द्वापरयुग तक उस गुफा में सो रहे थे।
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राजा मुचकुंद भगवान श्रीरामचंद्र जी के भी पूर्वज थे (रघुकुल), जो त्रेतायुग से द्वापरयुग तक उस गुफा में सो रहे थे।
श्रुति सेतु पालक राम तुम्ह जगदीस माया जानकी। जो सृजति जगु पालति हरति रुख पाइ कृपानिधान की॥
श्रुति सेतु पालक राम तुम्ह जगदीस माया जानकी। जो सृजति जगु पालति हरति रुख पाइ कृपानिधान की॥
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श्रुति सेतु पालक राम तुम्ह जगदीस माया जानकी। जो सृजति जगु पालति हरति रुख पाइ कृपानिधान की॥
कपिसों कहति सुभाय, अंबके अंबक अंबु भरे हैं। रघुनंदन बिनु बंधु कुअवसर, जद्यपि धनु दुसरे हैं॥
कपिसों कहति सुभाय, अंबके अंबक अंबु भरे हैं। रघुनंदन बिनु बंधु कुअवसर, जद्यपि धनु दुसरे हैं॥
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कपिसों कहति सुभाय, अंबके अंबक अंबु भरे हैं। रघुनंदन बिनु बंधु कुअवसर, जद्यपि धनु दुसरे हैं॥
भगवान् का गोविन्द नाम कार्तिक शुक्ल अष्टमी को ही पड़ा था, गौमाता को समर्पित गोपाष्टमी महोत्सव (१/२)
भगवान् का गोविन्द नाम कार्तिक शुक्ल अष्टमी को ही पड़ा था, गौमाता को समर्पित गोपाष्टमी महोत्सव (१/२)
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भगवान् का गोविन्द नाम कार्तिक शुक्ल अष्टमी को ही पड़ा था, गौमाता को समर्पित गोपाष्टमी महोत्सव (१/२)
भगवान् का गोविन्द नाम कार्तिक शुक्ल अष्टमी को ही पड़ा था, गौमाता को समर्पित गोपाष्टमी महोत्सव (२/२)
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गोपाष्टमी
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भगवान् का गोविन्द नाम कार्तिक शुक्ल अष्टमी को ही पड़ा था, गौमाता को समर्पित गोपाष्टमी महोत्सव (२/२)