नारदपंचरात्र मे वर्णित श्रीराधाजी के इन सैंतीस नामो से युक्त स्तोत्र का पाठ करनेवाला इस लोकमे अचल लक्ष्मी व परलोक मे हरि चरणों मे भक्ति प्राप्त करता है।
नारदपंचरात्र मे वर्णित श्रीराधाजी के इन सैंतीस नामो से युक्त स्तोत्र का पाठ करनेवाला इस लोकमे अचल लक्ष्मी व परलोक मे हरि चरणों मे भक्ति प्राप्त करता है।