ब्रह्मभूतः प्रसन्नात्मा न शोचति न काङ्क्षति।
Shri Krishna
गीता मे हृदयं पार्थ गीता मे सारमुत्तमम्।
जय निर्गुन जय जय गुन सागर। सुख मंदिर सुंदर अति नागर॥
श्रीराधाजी
श्री राधाजी
ललित अंक कुलिसादिक चारी। नूपुर चारु मधुर रवकारी॥
चरण चिन्ह सहित भगवान् श्री बालकृष्ण
अहमप्यागतस्तर्हि यमुनायास्तटं शुभम्।
सारद श्रुति सेषा रिषय असेषा जा कहुँ कोउ नहिं जाना।
माता यशोदा ने कन्हैया को सुनाई भगवान् श्री रामचन्द्र जी की कहानी-
नारदपंचरात्र मे वर्णित श्रीराधाजी के इन सैंतीस नामो से युक्त स्तोत्र का पाठ करनेवाला इस लोकमे अचल लक्ष्मी व परलोक मे हरि चरणों मे भक्ति प्राप्त करता है।
श्रीराधाजी
ऐसे बेहाल बिवाइन सों, पग कंटक जाल लगे पुनि जोए।
कंसवध
अनन्याश्चिन्तयन्तो मां ये जनाः पर्युपासते।
गौमाता
वृन्दावनेश्वर वृन्दावनेश्वरी
विप्रप्रियं
अहं वैश्वानरो भूत्वा प्राणिनां देहमाश्रितः।
गदाधर
गिरा अरथ जल बीचि सम कहिअत भिन्न न भिन्न।
नारायण
गोविन्दं गोकुलानन्दं गोपालं गोपिवल्लभम्।
अन्नकूट महोत्सव एवं गोवर्धन पूजा का रहस्य (१/२)
श्री गोवर्धन गिरधारी
गोविन्द
वसुदेवसुतं देवं कंसचाणूरमर्दनम्।
कंस वध
जरासंध वध
श्रीराधाजी और श्रीशुकदेव जी की कथा
दामोदर
कुंजबिहारी