सकुण्डलं चारुकिरीटभूषणं बभौ पृथिव्यां पतितं समुज्ज्वलत्।नरकासुर वध·x.com·Nov 29, 2024सकुण्डलं चारुकिरीटभूषणं बभौ पृथिव्यां पतितं समुज्ज्वलत्।
केस सँवारि, रय बेनी रचि, सुरभित सुमन गुँथाए।Radha krishna·x.com·Nov 29, 2024केस सँवारि, रय बेनी रचि, सुरभित सुमन गुँथाए।
अनन्याश्चिन्तयन्तो मां ये जनाः पर्युपासते।सुखिया मालिन·x.com·Nov 29, 2024अनन्याश्चिन्तयन्तो मां ये जनाः पर्युपासते।
खोजत नंद चकित चहुँ दिसि तैं अचरज सौ कछु भाई। कहाँ गए मेरे इष्ट देवता को लै गयौ उठाई।श्री नन्द बाबा के इष्टदेव शालिग्राम जीBaal Madhuri·x.com·Nov 29, 2024खोजत नंद चकित चहुँ दिसि तैं अचरज सौ कछु भाई। कहाँ गए मेरे इष्ट देवता को लै गयौ उठाई।
तस्मै नमो व्रजजनैः सह चक्रेऽऽत्मनाऽऽत्मने ।·x.com·Nov 29, 2024तस्मै नमो व्रजजनैः सह चक्रेऽऽत्मनाऽऽत्मने ।
अनन्याश्चिन्तयन्तो मां ये जनाः पर्युपासते।·x.com·Nov 29, 2024अनन्याश्चिन्तयन्तो मां ये जनाः पर्युपासते।
तस्मान्मच्छरणं गोष्ठं मन्नाथं मत्परिग्रहम्।·x.com·Nov 29, 2024तस्मान्मच्छरणं गोष्ठं मन्नाथं मत्परिग्रहम्।
गले में बैजंती माला, बजावै मुरली मधुर बाला।·x.com·Nov 29, 2024गले में बैजंती माला, बजावै मुरली मधुर बाला।
डिगत पानि डिगुलात गिरि लखि सब ब्रज बेहाल।·x.com·Nov 29, 2024डिगत पानि डिगुलात गिरि लखि सब ब्रज बेहाल।
रामहि केवल प्रेमु पिआरा। जानि लेउ जो जान निहारा॥·x.com·Nov 29, 2024रामहि केवल प्रेमु पिआरा। जानि लेउ जो जान निहारा॥
गर्ग निरुपि कह्यौ सब लच्छन, अविगत हैं अविनासी।Baal Madhuri·x.com·Nov 29, 2024गर्ग निरुपि कह्यौ सब लच्छन, अविगत हैं अविनासी।
सेष सहस्रसीस जग कारन। जो अवतरेउ भूमि भय टारन॥·x.com·Nov 29, 2024सेष सहस्रसीस जग कारन। जो अवतरेउ भूमि भय टारन॥
पूर्णपरात्पर भगवान् श्रीकृष्ण का आविर्भाव, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का विधान एवं पूज्य भाइजी श्रीहनुमान प्रसाद पोद्दार जी के विचार (१/४)·x.com·Nov 29, 2024पूर्णपरात्पर भगवान् श्रीकृष्ण का आविर्भाव, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का विधान एवं पूज्य भाइजी श्रीहनुमान प्रसाद पोद्दार जी के विचार (१/४)
ऊधौ ! तुम भए बौरे, पाती लैके आए दौरे,श्री उद्धव राधा संवादRadha krishna·x.com·Nov 29, 2024ऊधौ ! तुम भए बौरे, पाती लैके आए दौरे,
जसुमति अपनौ पुन्य बिचारै। बार-बार सिसु बदन निहारै॥ अँग फरकाइ अलप मुसकाने। या छबि की उपमा को जानै॥Baal Madhuri·x.com·Nov 28, 2024जसुमति अपनौ पुन्य बिचारै। बार-बार सिसु बदन निहारै॥ अँग फरकाइ अलप मुसकाने। या छबि की उपमा को जानै॥
भगवान श्रीकृष्ण और भगवती श्रीराधाजी के दिव्य युगल चरण चिन्हRadha krishna·x.com·Nov 28, 2024भगवान श्रीकृष्ण और भगवती श्रीराधाजी के दिव्य युगल चरण चिन्ह
ग्यान निधान अमान मानप्रद। पावन सुजस पुरान बेद बद॥·x.com·Nov 28, 2024ग्यान निधान अमान मानप्रद। पावन सुजस पुरान बेद बद॥
नारदपंचरात्र मे वर्णित श्रीराधाजी के इन सैंतीस नामो से युक्त स्तोत्र का पाठ करनेवाला इस लोकमे अचल लक्ष्मी व परलोक मे हरि चरणों मे भक्ति प्राप्त करता है।Radha krishna·x.com·Nov 28, 2024नारदपंचरात्र मे वर्णित श्रीराधाजी के इन सैंतीस नामो से युक्त स्तोत्र का पाठ करनेवाला इस लोकमे अचल लक्ष्मी व परलोक मे हरि चरणों मे भक्ति प्राप्त करता है।
यानीह विश्वविलयोद्भववृत्तिहेतुः कर्माण्यनन्यविषयाणि हरिश्चकार।Baal Madhuri·x.com·Nov 28, 2024यानीह विश्वविलयोद्भववृत्तिहेतुः कर्माण्यनन्यविषयाणि हरिश्चकार।
सेस गनेस महेस दिनेस सुरेसहु जाहि निरंतर गावै।Radha krishna·x.com·Nov 28, 2024सेस गनेस महेस दिनेस सुरेसहु जाहि निरंतर गावै।
कुंडल लोल कपोल विराजत सुंदरता चल आई॥Baal Madhuri·x.com·Nov 28, 2024कुंडल लोल कपोल विराजत सुंदरता चल आई॥
भगवान् का गोविन्द नाम कार्तिक शुक्ल अष्टमी को ही पड़ा था, गौमाता को समर्पित गोपाष्टमी महोत्सव (१/२)Baal Madhuri·x.com·Nov 28, 2024भगवान् का गोविन्द नाम कार्तिक शुक्ल अष्टमी को ही पड़ा था, गौमाता को समर्पित गोपाष्टमी महोत्सव (१/२)