डिगत पानि डिगुलात गिरि लखि सब ब्रज बेहाल।Shri Krishna·x.com·Nov 29, 2024डिगत पानि डिगुलात गिरि लखि सब ब्रज बेहाल।
रामहि केवल प्रेमु पिआरा। जानि लेउ जो जान निहारा॥Shri Krishna·x.com·Nov 29, 2024रामहि केवल प्रेमु पिआरा। जानि लेउ जो जान निहारा॥
गर्ग निरुपि कह्यौ सब लच्छन, अविगत हैं अविनासी।Baal Madhuri·x.com·Nov 29, 2024गर्ग निरुपि कह्यौ सब लच्छन, अविगत हैं अविनासी।
निसिचर हीन करउँ महि भुज उठाइ पन कीन्ह।Aranya Kand·x.com·Nov 29, 2024निसिचर हीन करउँ महि भुज उठाइ पन कीन्ह।
नारदपुराण में वर्णित विभिन्न मंत्रों द्वारा श्रीहनुमानजी की उपासना एवं उनका दर्शन प्राप्त करने की मंत्र-साधना, दीपदान की विधि (२/२)-Shri Hanumanji·x.com·Nov 29, 2024नारदपुराण में वर्णित विभिन्न मंत्रों द्वारा श्रीहनुमानजी की उपासना एवं उनका दर्शन प्राप्त करने की मंत्र-साधना, दीपदान की विधि (२/२)-
नारदपुराण में वर्णित विभीन्न मंत्रों द्वारा श्रीहनुमानजी की उपासना एवं उनका दर्शन प्राप्त करने की मंत्र-साधना, दीपदान की विधि (१/१)-Articles·x.com·Nov 29, 2024नारदपुराण में वर्णित विभीन्न मंत्रों द्वारा श्रीहनुमानजी की उपासना एवं उनका दर्शन प्राप्त करने की मंत्र-साधना, दीपदान की विधि (१/१)-
साङ्केत्यं पारिहास्यं वा स्तोभं हेलनमेव वा ।Narayan·x.com·Nov 29, 2024साङ्केत्यं पारिहास्यं वा स्तोभं हेलनमेव वा ।
धर्मराज नमस्तुभ्यं नमस्ते यमुनाग्रज।भाईदूजHindu festivals·x.com·Nov 29, 2024धर्मराज नमस्तुभ्यं नमस्ते यमुनाग्रज।
कृष्णवामांसभूतायै कृष्णायै सततं नमः।यमुना मैयाBhagwati·x.com·Nov 29, 2024कृष्णवामांसभूतायै कृष्णायै सततं नमः।
हे देवर्षि! मै न तो वैकुण्ठ मे और न ही योगीजनो के ह्रदय मे मेरा निवास होता है। मै तो उन भक्तो के पास सदैव रहता हूँ जहाँ मेरे भक्त चित्त व तन्मय होकर मुझको भजते है व मेरे मधुर नामो का संकीर्तन करते है।दशावतार स्तोत्रVarious·x.com·Nov 29, 2024हे देवर्षि! मै न तो वैकुण्ठ मे और न ही योगीजनो के ह्रदय मे मेरा निवास होता है। मै तो उन भक्तो के पास सदैव रहता हूँ जहाँ मेरे भक्त चित्त व तन्मय होकर मुझको भजते है व मेरे मधुर नामो का संकीर्तन करते है।
नाहं वसामि वैकुंठे योगिनां हृदये न च।Bhagwan ke Bhakt·x.com·Nov 29, 2024नाहं वसामि वैकुंठे योगिनां हृदये न च।
सेष सहस्रसीस जग कारन। जो अवतरेउ भूमि भय टारन॥Shri Krishna·x.com·Nov 29, 2024सेष सहस्रसीस जग कारन। जो अवतरेउ भूमि भय टारन॥
रेवतीरमण त्वं वै बलदेवोऽच्युताग्रज ।Shri Krishna·x.com·Nov 29, 2024रेवतीरमण त्वं वै बलदेवोऽच्युताग्रज ।
रोहिणीनन्दन अच्युताग्रज श्री बलरामजी (२/२)Hindu festivals·x.com·Nov 29, 2024रोहिणीनन्दन अच्युताग्रज श्री बलरामजी (२/२)
भगवान् का प्रादुर्भाव महोत्सव, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (४/४)Hindu festivals·x.com·Nov 29, 2024भगवान् का प्रादुर्भाव महोत्सव, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (४/४)
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का विधान (३/४)Hindu festivals·x.com·Nov 29, 2024श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का विधान (३/४)
पूर्णपरात्पर भगवान् श्रीकृष्ण का आविर्भाव (२/४)श्री कृष्णा जन्माष्टमी विशेषHindu festivals·x.com·Nov 29, 2024पूर्णपरात्पर भगवान् श्रीकृष्ण का आविर्भाव (२/४)
पूर्णपरात्पर भगवान् श्रीकृष्ण का आविर्भाव, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का विधान एवं पूज्य भाइजी श्रीहनुमान प्रसाद पोद्दार जी के विचार (१/४)Shri Krishna·x.com·Nov 29, 2024पूर्णपरात्पर भगवान् श्रीकृष्ण का आविर्भाव, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का विधान एवं पूज्य भाइजी श्रीहनुमान प्रसाद पोद्दार जी के विचार (१/४)
भगवती श्री राधा महारानी एवं उद्धव जी का संवाद- (1/2)Articles·x.com·Nov 29, 2024भगवती श्री राधा महारानी एवं उद्धव जी का संवाद- (1/2)
ऊधौ ! तुम भए बौरे, पाती लैके आए दौरे,श्री उद्धव राधा संवादRadha krishna·x.com·Nov 29, 2024ऊधौ ! तुम भए बौरे, पाती लैके आए दौरे,
वृषभानुसुता जगतजननी श्री राधाजी के प्राकट्य का रहस्य, समय एवं राधाष्टमी व्रत का माहात्म्य- (२/३)Hindu festivals·x.com·Nov 29, 2024वृषभानुसुता जगतजननी श्री राधाजी के प्राकट्य का रहस्य, समय एवं राधाष्टमी व्रत का माहात्म्य- (२/३)
सो नर इंद्रजाल नहिं भूला। जा पर होइ सो नट अनुकूला॥Bhagwati·x.com·Nov 29, 2024सो नर इंद्रजाल नहिं भूला। जा पर होइ सो नट अनुकूला॥
मरकत मृदुल कलेवर स्यामा। अंग अंग प्रति छबि बहु कामा॥Shri Raghunath ji·x.com·Nov 28, 2024मरकत मृदुल कलेवर स्यामा। अंग अंग प्रति छबि बहु कामा॥
राम चलत अति भयउ बिषादू। सुनि न जाइ पुर आरत नादू॥Baal Kand·x.com·Nov 28, 2024राम चलत अति भयउ बिषादू। सुनि न जाइ पुर आरत नादू॥
अंतरजामिहुतें बड़े बाहेरजामि हैं राम, जे नामNarayan·x.com·Nov 28, 2024अंतरजामिहुतें बड़े बाहेरजामि हैं राम, जे नाम