हनूमान सम नहिं बड़भागी। नहिं कोउ राम चरन अनुरागी॥हनुमानजी का सीना चीरनाShri Hanumanji·x.com·Dec 6, 2024हनूमान सम नहिं बड़भागी। नहिं कोउ राम चरन अनुरागी॥
मोर दास कहाइ नर आसा। करइ तौ कहहु कहा बिस्वासा॥Uttarkand·x.com·Dec 6, 2024मोर दास कहाइ नर आसा। करइ तौ कहहु कहा बिस्वासा॥
चढ़ि बिमान सुनु सखा बिभीषन। गगन जाइ बरषहु पट भूषन॥Lanka kand·x.com·Dec 6, 2024चढ़ि बिमान सुनु सखा बिभीषन। गगन जाइ बरषहु पट भूषन॥
तुम्ह मम सखा भरत सम भ्राता। सदा रहेहु पुर आवत जाता॥Lanka kand·x.com·Dec 6, 2024तुम्ह मम सखा भरत सम भ्राता। सदा रहेहु पुर आवत जाता॥
करि बिनती मंदिर लै आए। चरन पखारि पलँग बैठाए॥Kishkindha kand·x.com·Dec 6, 2024करि बिनती मंदिर लै आए। चरन पखारि पलँग बैठाए॥
भगवान् श्री रामचंद्रजी ने घोषणा करवा दी, "जो मंगलवार को मेरे अनन्यप्रीतिभाजन महावीर श्री हनुमानजी को जो तेल और सिन्दूर चढ़ायेंगे, उन्हें मेरी प्रसन्नता प्राप्त होगी और उनकी समस्त कामनाओंकी पूर्ति हो जाया करेगी।"हनुमानजी को सिंदूर चढ़ाए जाने का रहस्यShri Hanumanji·x.com·Dec 6, 2024भगवान् श्री रामचंद्रजी ने घोषणा करवा दी, "जो मंगलवार को मेरे अनन्यप्रीतिभाजन महावीर श्री हनुमानजी को जो तेल और सिन्दूर चढ़ायेंगे, उन्हें मेरी प्रसन्नता प्राप्त होगी और उनकी समस्त कामनाओंकी पूर्ति हो जाया करेगी।"
मूदहु नयन बिबर तजि जाहू। पैहहु सीतहि जनि पछिताहू॥योगिनी स्वयंप्रभा की कथाSundarKand·x.com·Dec 6, 2024मूदहु नयन बिबर तजि जाहू। पैहहु सीतहि जनि पछिताहू॥
बंदउँ बालरूप सोइ रामू। सब सिधि सुलभ जपत जिसु नामू॥Baal Kand·x.com·Dec 6, 2024बंदउँ बालरूप सोइ रामू। सब सिधि सुलभ जपत जिसु नामू॥
प्रेम मगन कौसल्या निसि दिन जात न जान।Baal Kand·x.com·Dec 6, 2024प्रेम मगन कौसल्या निसि दिन जात न जान।
जे रामेस्वर दरसनु करिहहिं। ते तनु तजि मम लोक सिधरिहहिं॥Lanka kand·x.com·Dec 6, 2024जे रामेस्वर दरसनु करिहहिं। ते तनु तजि मम लोक सिधरिहहिं॥
मागहु भूमि धेनु धन कोसा। सर्बस देउँ आजु सहरोसा॥Baal Kand·x.com·Dec 6, 2024मागहु भूमि धेनु धन कोसा। सर्बस देउँ आजु सहरोसा॥
पुलक गात हियँ सिय रघुबीरू। जीह नामु जप लोचन नीरू॥Shri Bharat ji·x.com·Dec 6, 2024पुलक गात हियँ सिय रघुबीरू। जीह नामु जप लोचन नीरू॥
पाछें पवन तनय सिरु नावा। जानि काज प्रभु निकट बोलावा॥SundarKand·x.com·Dec 6, 2024पाछें पवन तनय सिरु नावा। जानि काज प्रभु निकट बोलावा॥
कहहु नाथ सुंदर दोउ बालक। मुनिकुल तिलक कि नृपकुल पालक॥Vivaah Prasang·x.com·Dec 6, 2024कहहु नाथ सुंदर दोउ बालक। मुनिकुल तिलक कि नृपकुल पालक॥
बैठे बरासन रामु जानकि मुदित मन दसरथु भए।Vivaah Prasang·x.com·Dec 6, 2024बैठे बरासन रामु जानकि मुदित मन दसरथु भए।
राम रमापति कर धनु लेहू। खैंचहु मिटै मोर संदेहू॥Vivaah Prasang·x.com·Dec 6, 2024राम रमापति कर धनु लेहू। खैंचहु मिटै मोर संदेहू॥
राम राम महाबाहो जाने त्वां परमेश्वरम् ॥Vivaah Prasang·x.com·Dec 6, 2024राम राम महाबाहो जाने त्वां परमेश्वरम् ॥
मोरें हृदय परम संदेहा। सुनि कपि प्रगट कीन्हि निज देहा॥SundarKand·x.com·Dec 6, 2024मोरें हृदय परम संदेहा। सुनि कपि प्रगट कीन्हि निज देहा॥
सब जानत प्रभु प्रभुता सोई। तदपि कहें बिनु रहा न कोई॥Shri Hanumanji·x.com·Dec 6, 2024सब जानत प्रभु प्रभुता सोई। तदपि कहें बिनु रहा न कोई॥
ब्यापक ब्रह्म निरंजन निर्गुन बिगत बिनोद।Baal Kand·x.com·Dec 6, 2024ब्यापक ब्रह्म निरंजन निर्गुन बिगत बिनोद।
हनूमान सम नहिं बड़भागी। नहिं कोउ राम चरन अनुरागी॥Shri Hanumanji·x.com·Dec 6, 2024हनूमान सम नहिं बड़भागी। नहिं कोउ राम चरन अनुरागी॥
मोरें हृदय परम संदेहा। सुनि कपि प्रगट कीन्हि निज देहा॥SundarKand·x.com·Dec 6, 2024मोरें हृदय परम संदेहा। सुनि कपि प्रगट कीन्हि निज देहा॥
जो माया सब जगहि नचावा। जासु चरित लखि काहुँ न पावा॥Uttarkand·x.com·Dec 6, 2024जो माया सब जगहि नचावा। जासु चरित लखि काहुँ न पावा॥
तन सकोचु मन परम उछाहू। गूढ़ प्रेमु लखि परइ न काहू॥Vivaah Prasang·x.com·Dec 6, 2024तन सकोचु मन परम उछाहू। गूढ़ प्रेमु लखि परइ न काहू॥
सोहति सीय राम कै जोरी। छबि सिंगारु मनहुँ एक ठोरी॥Vivaah Prasang·x.com·Dec 6, 2024सोहति सीय राम कै जोरी। छबि सिंगारु मनहुँ एक ठोरी॥